Quantcast
Channel: Shayari
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1709

प्रेमी जब आ जाए, जम कर बरसों तुम बादल

$
0
0

हलकी हलकी जल की बूंदे, जब लेकर आते है बादल
मन मसोस कर रह जाती हूूँ, बह जाता है मेरा काजल

कैसे है ये बैरी बादल, पूछ रहा है ये मेरा आँचल..
आसमान भी कह रहा है, ये निर्मोही है काले बादल

कड़कड़ाहट आवाज़ से, प्रेमियों को कर देता है पागल
काली घटा जब छट जायेगी, जब समझेगे ये बादल

हमारी इल्तिज़ा है तुमसे, जरा रूक कर बरसों बादल
प्रेमी जब मेरा आ जाए, फिर जम कर बरसों  बादल

 

~ Feeling Love

The post प्रेमी जब आ जाए, जम कर बरसों तुम बादल appeared first on Shayari.


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1709

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>