शज़र से टूट कर गिरा हूँ मै ख़फ़ा हूँ, निराश हूँ, मगर मरा नहीं हूँ मै डर तो दिखाया बहुत था, पत्थर का हूँ मै डरा नहीं हूँ सितम ये सारे दिल हसके सहेगा जमाना जमात है बेशर्मो की, यूँ… Continue Reading
The post मै डरा नहीं हूँ appeared first on Shayari.
शज़र से टूट कर गिरा हूँ मै ख़फ़ा हूँ, निराश हूँ, मगर मरा नहीं हूँ मै डर तो दिखाया बहुत था, पत्थर का हूँ मै डरा नहीं हूँ सितम ये सारे दिल हसके सहेगा जमाना जमात है बेशर्मो की, यूँ… Continue Reading →
The post मै डरा नहीं हूँ appeared first on Shayari.